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Отношение: Один
Модель сотового: Nokia n72
Сотовый оператор: Vodaphone, Aircell
Занятия: student of B, Tech
Компании: Fith cute girls
Школы: D, I, T, Dehradun
Я люблю: friendship with cute and smart girls
Я ненавижу: fake persons
Любимая музыка: simple
Любимые фильмы: wanted, sholey
Любимые книги: romantic story
Любимые знаменитости: beer
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Обо мне

हम गरम खून के उबाल हैं राजपूतों की ऐसी कहानी है , कि राजपूत ही राजपूत कि निशानी है | हम जब आये तो तुमको एहसास था , कि कोई एक शेर मेरे पास था || हम गरम खून के उबाल हैं , प्यासी नदियों की चाल हैं , हमारी गर्जना विन्ध्य पर्वतों से टकराती है और हिमालय की चोटी तक जाती है | हम थक कर बैठेने वाले रड बांकुर नहीं ठाकुर हैं .... गर्व है हमें जिस माँ के पूत हैं , जीतो क्यूंकि हम राजपूत हैं || शूरबाहूषु लोकोऽयं लम्बते पुत्रवत् सदा । तस्मात् सर्वास्ववस्थासु शूरः सम्मानमर्हित।। न िह शौर्यात् परं िकंचित् ित्रलोकेषु िवधते। चढ़ चेतक पर तलवार उठा, रखता था भूतल पानी को। राणा प्रताप सिर काट काट, करता था सफल जवानी को॥ कलकल बहती थी रणगंगा, अरिदल को डूब नहाने को। तलवार वीर की नाव बनी, चटपट उस पार लगाने को॥ वैरी दल को ललकार गिरी, वह नागिन सी फुफकार गिरी। था शोर मौत से बचो बचो, तलवार गिरी तलवार गिरी॥ पैदल, हयदल, गजदल में, छप छप करती वह निकल गई। क्षण कहाँ गई कुछ पता न फिर, देखो चम-चम वह निकल गई॥ क्षण इधर गई क्षण उधर गई, क्षण चढ़ी बाढ़ सी उतर गई। था प्रलय चमकती जिधर गई, क्षण शोर हो गया किधर गई॥ लहराती थी सिर काट काट, बलखाती थी भू पाट पाट। बिखराती अवयव बाट बाट, तनती थी लोहू चाट चाट॥ क्षण भीषण हलचल मचा मचा, राणा कर की तलवार बढ़ी। था शोर रक्त पीने को यह, रण-चंडी जीभ पसार बढ़ी॥कोई तुमसे पूछे कौन हूँ मैं , तुम कह देना कोई ख़ास नहीं . एक दोस्त है कच्चा पक्का सा , एक झूठ है आधा सच्चा सा . जज़्बात को ढके एक पर्दा बस , एक बहाना है अच्छा अच्छा सा . जीवन का एक ऐसा साथी है , जो दूर हो के पास नहीं . कोई तुमसे पूछे कौन हूँ मैं , तुम कह देना कोई ख़ास नहीं . हवा का एक सुहाना झोंका है , कभी नाज़ुक तो कभी तुफानो सा . शक्ल देख कर जो नज़रें झुका ले , कभी अपना तो कभी बेगानों सा . जिंदगी का एक ऐसा हमसफ़र , जो समंदर है , पर दिल को प्यास नहीं . कोई तुमसे पूछे कौन हूँ मैं , तुम कह देना कोई ख़ास नहीं . एक साथी जो अनकही कुछ बातें कह जाता है , यादों में जिसका एक धुंधला चेहरा रह जाता है . यूँ तो उसके न होने का कुछ गम नहीं , पर कभी - कभी आँखों से आंसू बन के बह जाता है . यूँ रहता तो मेरे तसव्वुर में
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